Tuesday, 17 June 2025

Bezubaan - Tere Liye

 



टूटी है, रूठी है...

फिर भी खामोशी में रौशनी झलकती है।

छू के गुज़री दर्द की लहर,

तू फिर भी सपना पलटता है।


आसमान भी रंग भूल गया,

फिर भी तूने राह चुनी,

जिसमें कांटे, जिसमें अंधियारा,

और ज़िद थी चलने की…


तेरे वादे, तेरे इरादे,

हर धड़कन में कहानी कह गए।

जो कह न सका दिल तेरा,

तेरी आँखों ने बयां कर गए…


बेज़ुबान था तू कब तक…

बेकसूर क्यों सह रहा?

तू ख़ुद से मिल, तू ख़ुद पे चल,

तेरा रास्ता… तू ही खुदा…


दुनिया सुनेगी…

तेरी कहानी, तेरे लिए…

बेज़ुबान… अब न तू रहे…



ख़्वाबों के टुकड़े, मुकम्मल तू करे,

तेरे हक़ को अब न कोई छीन ले।

छुप के जो आँसू पी गया था,

आज वो आसमान भी रो दे…


देखेगा तू अपनी उड़ान,

तोड़ के हर सीमाएं…

तेरा फ़ैसला… तेरा है,

छुपा हुआ जो सजदा है…


बेज़ुबान था तू कब तक…

बेकसूर क्यों सह रहा?

तूफ़ान से तू बातें कर,

तेरा जुनून… तेरी दुआ…


अब हर कोना…

सुनेगा तुझ में खुदा…

बेज़ुबान… अब न तू रहे…


ना तू रहे…

तेरे लिए…

तू कहे…

Wednesday, 1 January 2025

I Am But Time ...








With hopes piled high upon my head, I strain

I am but time, yet New Year they proclaim