मिठास उन होटों की - Those Candy Lips
Penned By Narayan-Chandra Rauf
शायर: नारायण-चंद्र रऊफ
नशा उन आँखों कि क्या कहिये
बूँद इक शराब की सी है
ये कहाँ आ गए हम के ये जगह
पहली मुलाक़ात की सी है
मिठास उन होठों की क्या कहिये
बूंदे आब-ऐ-ह्यात की सी है
नज़ाकत उन बोलो की क्या कहिये
फ़ज़ा मे गूंजती रबाब की सी है
(Incomplete)
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