Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar
शायर: नारायण-चंद्र रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर
फिर एक बार चाँद बादलो से निकल आया
जैसे आईनों से साया मेरा निकल आया
ज़िन्दगी गमगीन लग रही थी पहले भी कभी
आप आए महफ़िल का दरवाज़ा निकल आया
फिर करीब आने का बहाना निकल आया
दिल के बयाबान में मेरे सब्ज़ा निकल आया
ये मेरे दिल के दरीचों में छायी तन्हाई कैसी
यहाँ मिलन का क्या सिलसिला निकल आया
हमारा रास्ता तो फूलों का था खुश्बूओं का था
न जाने कहा से काटों का रास्ता निकल आया
दूर से देखा तो रिश्ता मजबूत नज़र आया
करीब से देखा दूर का रिश्ता निकल आया
एक वहम था इश्क़ खूबसूरत सा ज़ज़्बा है लेकिन
तेरे गम से तो सारी उम्र का रिश्ता निकल आया
Reason for these couplets:
फिर एक बार चाँद बादलो से निकल आया
जैसे आईनों से साया मेरा निकल आया
ये मेरे दिल के दरीचों में छायी तन्हाई कैसी
आप आए महफ़िल का दरवाज़ा निकल आया
फिर करीब आने का बहाना निकल आया
दिल के बयाबान में मेरे सब्ज़ा निकल आया
Saw her after Bapu's Jayanti ... didn't know why drops of tears fell ... and cold went the searing thirsty eyes .... That glimmer undying... grace bountiful ... coiled her ... embellished her .... why as yet my heart squeezed salt slithering down in liquid .... tell me love ... tell me why
हमारा रास्ता तो फूलों का था खुश्बूओं का था
न जाने कहा से काटों का रास्ता निकल आया
दूर से देखा तो रिश्ता मजबूत नज़र आया
करीब से देखा दूर का रिश्ता निकल आया
तेरे गम से तो सारी उम्र का रिश्ता निकल आया
Reason for these couplets:
फिर एक बार चाँद बादलो से निकल आया
जैसे आईनों से साया मेरा निकल आया
ये मेरे दिल के दरीचों में छायी तन्हाई कैसी
यहाँ मिलन का क्या सिलसिला निकल आया
ज़िन्दगी गमगीन लग रही थी पहले भी कभी आप आए महफ़िल का दरवाज़ा निकल आया
फिर करीब आने का बहाना निकल आया
दिल के बयाबान में मेरे सब्ज़ा निकल आया
Saw her after Bapu's Jayanti ... didn't know why drops of tears fell ... and cold went the searing thirsty eyes .... That glimmer undying... grace bountiful ... coiled her ... embellished her .... why as yet my heart squeezed salt slithering down in liquid .... tell me love ... tell me why
No comments:
Post a Comment