Wednesday, 30 December 2015

अर्धांगिनी - My Better Half

Marriage

Penned By Narayan-Chandra Rauf 

शायर: नारायण-चन्द्र रऊफ 

कल रात एक ही सपना बार बार यही देख रहा था
चाबियाँ घर की मेरी साडी में वो जमाये रहा था

बर्तन मेज़ बिस्तर कपडे हर चीज़ घर की मेरी
अपना समझ संभाले अपनाये रहा था

रूठ कर फर्श पर जब  लेटे आहे भर रहा था
भीगे बोलों से अपने मुझे मनाये रहा था

मेज़ में फूल सजाते गुनगुनाते निकली थी वो
बिस्तर में आकर मस्ती मेरी सजाये रहा था

आगोश में नन्हे  को लिये करीब आ गयी थी जब
डैडी डैडी बोल खुश्क आहें उसकी बुझाए रहा था

मालूम जब हुआ बस था वो एक हसीन सपना
अपने बिस्तर में तब अपने को जगाये रहा था

Friday, 25 December 2015

बाजीरॉव-मस्तानी - #BajiraoMastani







































Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चन्द्र रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर 

वो मेरे इश्क़ में ऐसी दीवानी हुई
जैसे रॉव के इश्क़ में मस्तानी हुई 

बस इतना सा अफ़साना अपना हुआ
तक़दीर हम दोनों से बेगानी हुई

उठा लाये सैकड़ो कलियाँ गुलिस्तां से हम 
कांटे कुछ और चुभें और हैरानी हुई

खता यह बार बार हम से क्यों होती है 'रऊफ'
जिस से जा मिलूँ लगे शक्ल पहचानी हुई 


Penned By Narayan-Chandra Rauf

Woh mere ishq mein aisi deewani huyi
jaise Rao ke ishq mein mastani huyi

Bas itna sa afsaana hamara huya
taqdeer hum dono se begani huyi

Utha laye saikado kaliya gulistan se hum
kante kuch aur chubhe aur hairani huyi

Khata yeh baar baar hum se kyon hoti hai 'Rauf'
Jis se ja miloon lage shakl pehchani huyi

Monday, 21 December 2015

उम्मीद मेरी बर्बाद नहीं - Not Given (Up) As Yet


शायर: नारायण-चन्द्र रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर 

Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

अब लब पे वो आह वो खौलता फरियाद नहीं
तेरे नादानियों का अब मुझे कुछ याद नहीं

ज़िन्दगी के माईने बे-रंग है बड़े मेरे हबीब  
जो तेरा साया और काया मेरे साथ नहीं

आती है खुशबु यादों की गलियों से उनकी
शायद उम्मीद मेरी अभी बर्बाद नहीं

ऐसे भी सुबह कभी गुज़री है के 'रऊफ'
उसका अक्स-ए-रू आता मुझे याद नहीं


Roman Script

Ab lab pe wo aah wo khaoulta fariyad nahi
Tere nadaniyo ka ab humey kuch yaad nahi

Zindagi ke maine be-rang hai bade mere habeeb
jo tera saya aur kaya mere sath nahin

Aati hai kushbu yadon ki galiyon se unki
sayad ummeed meri abhi barbaad nahi

Aise bhi subah kabhi guzari hain ke 'Rauf'
uska aks-e-ru ataa mujhe yaad nahi

Monday, 14 December 2015

जियो तो फूलों जैसे - Live Life Like Flowers

I am ready for a bikini, kissing and lovemaking scenes: Parineeti Chopra
Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चंद्र रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर 

जो वादा किया उसे निभाया करो
निभाना उसे  न भूल जाया करो

हद से बढ़कर न चाहो कोई बात नहीं
कानो में अपने दुःख-दर्द सुनाया करो

युही कभी बीछौने में लेटे रहा करो
कभी ग़ज़ल मेरी पढ़ो पढ़ाया करो

टूटकर बिखेरती है खुशबू हौले हौले
फूलों जैसे जियो और जिया करो

कितने नादाँ लापरवाह हो तुम 'रऊफ'
इश्क़ दी गलियों मे न जाया करो


In Roman Script

Jo vadaa kiyaa use nibhaya karo
nibhanaa use na bhool jaya karo

Hadd se bhadkar na chaho koyi baat nahi
kano mein apne dukh-dard sunaya karo

Tootkar bikherti hain kushboo haule haule 
phoolon jaise jiyo aur jiya karo

Yuhi kabhi bichaune mein lete raha karo
kabhi ghazal meri padho padhaya karo

Kitne nadaa laparwah ho tum 'Rauf'
ishq di galiyon mein na jaya karo


Reason For This: 

जो वादा किया उसे निभाया करो
निभाना उसे  न भूल जाया करो

Was waiting for a 'call in a bit', but ring the smartphone didn't ... know for two reasons why it didn't .... either she would have understood everything I wanted to convey that I texted her  ... or she was .... I wouldn't tell ... though imagine the portrait of a girl with drooping eyes ... that may be reason for not calling ... God knows, Krishna knows ....

Reason for This:

हद से बढ़कर न चाहो कोई बात नहीं
कानो में अपने दुःख-दर्द सुनाया करो

Want to know everything about her, especially her difficulties, sorrows etc etc ... so that she shouldn't fight it alone ... I am there as always, even if I am perched in any corners of the world

Reason for this couplet:

टूटकर बिखेरती है खुशबू हौले हौले
फूलों जैसे जियो और जिया करो

It was a piece of advise to her ... she knows it all that better ... I needn't tell ... Hey let some secrets be with me as they are caged in a woman's heart ... women those mysterious godly beings ... wonderful they are

Monday, 7 December 2015

चेन्नई रैंस - #ChennaiRains

Chennai rains
शायर: नारायण-चंद्र रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर 

चमक दमक गीले आसमान को फिर ताबानी दे मौला
मरने वालो को जीने की आसानी दे मौला

फिर रोशन कर ज़र्द आहो का थाला चमका नई उम्मीदें
फिर इन लोगो को कोई खीर भवानी दे मौला

धन दौलत सब कुछ नहीं और भी गम है ज़माने में
इन एंकर नमा निगारों को थोड़ी नादानी दे मौला

फिर ज़मीं पे जोत लगा कर शजर और बिखेर जा
फिर उनको कोई डर न जरर इम्कानी दे मौला


Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

Chamak damak geele faza ko phir tabani de maula
marne walo ko jeene ki aasaani de maula

Phir roshan kar zard aaho ka thalaa chamka nayi ummeede
phir in logo ko koyi kheer bhavani de maula

Dhan daulat sab kuch nahi aur bhi gam hai zamane mein
in anchor nama nigaro ko thodi nadani de maula

Phir zami pe jot laga kar shajar aur bikher ja
phir unko koyi dar na jarar imkani de maula


Monday, 30 November 2015

The Childhood Greens, Will They Bloom Again?


Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

Green leaves 
bloom on my lawn.
It is spring.

Through my eyes
I watch the bygone days,
now hazy and forgotten.

How I wish those bygone days 
bloom in my life
like the green leaves of the spring.

Reason for this poem

Scrolling as I always do, getting up in the morning. I came across a cherubic little girl's profile pic on her Whatsapp account ... enough was it for my poetic nerves to palpitate ... immediately texted her of stitching a poem ... wrote and texted her .... liked she did for sure ... 
She is the most smart and well-dressed television journalists around ....

Saturday, 28 November 2015

UB Towers Musings: फिर चाँद निकल आया - The Moon Sheds Open



Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चंद्र रऊफ  - उर्फ़ बी डी नारायंकर 


फिर एक बार चाँद बादलो से निकल आया
जैसे आईनों  से साया मेरा निकल आया

ज़िन्दगी गमगीन लग रही थी पहले भी  कभी  
आप आए महफ़िल का दरवाज़ा निकल आया 

फिर करीब आने का बहाना निकल आया   
दिल के बयाबान में  मेरे सब्ज़ा निकल आया 

ये मेरे दिल के दरीचों में छायी तन्हाई कैसी
यहाँ मिलन का क्या सिलसिला निकल आया

हमारा रास्ता तो फूलों का था खुश्बूओं का था 
न जाने कहा से काटों का रास्ता निकल आया 

दूर से देखा तो रिश्ता मजबूत नज़र आया
करीब से देखा दूर का रिश्ता निकल आया

एक वहम था इश्क़ खूबसूरत सा ज़ज़्बा है लेकिन
तेरे गम से तो सारी उम्र का रिश्ता निकल आया


Reason for these couplets: 

फिर एक बार चाँद बादलो से निकल आया
जैसे आईनों  से साया मेरा निकल आया

ये मेरे दिल के दरीचों में छायी तन्हाई कैसी
यहाँ मिलन का क्या सिलसिला निकल आया

ज़िन्दगी गमगीन लग रही थी पहले भी  कभी  
आप आए महफ़िल का दरवाज़ा निकल आया 

फिर करीब आने का बहाना निकल आया   
दिल के बयाबान में  मेरे सब्ज़ा निकल आया 


Saw her after Bapu's Jayanti ... didn't know why drops of tears fell ... and cold went the searing thirsty eyes .... That glimmer undying... grace bountiful ... coiled her ... embellished her .... why as yet my heart squeezed salt slithering down in liquid .... tell me love ... tell me why

Sunday, 22 November 2015

ज़िन्दगी तेरे नाम कर देंगे - Will Give Everything I Have


Parineeti Chopra Ramp Walk Photos

Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चंद्र रऊफ  - उर्फ़ बी डी नारायंकर  

सांसो में सांस डाल तुम्हे आबाद कर देंगे
सांसे क्या ज़िन्दगी तुम्हारे नाम कर देंगे

गम के भट्टी में अपने आप को उतार देंगे
तप के ज़र जैसे तुम्हे हम निखार देंगे

परस्तिश करेंगे सज़दा करेंगे ऐ बुत तुम्हे 
मेरे जहाँ का खुदा-ए-एहतिराम कर देंगे

उठा लूँगा गम गर इश्क़ को तूने ठुकराया 
आँचल में खुशिया तेरे तमाम भर देंगे

ना मदत ना कोई उम्मीद तुमसे करते है
इस जहाँ में सभी नेकी तेरे नाम कर देंगे

Sunday, 15 November 2015

चाँदनी - #Chandni, The Moon



I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to lend music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चंद्र  रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर

आब-ए-रवाँ में घुल कनारे आती है चाँदनी  
बेचैन कर दिल खूब लुभाती हैं चाँदनी 

नशे में चूर बहकी बहकी सी हुई जाती हैं रात
इशारों में न जाने किस को बुलाती हैं चाँदनी  


समुन्दर के लपटों पे अक्स दिखाती  है चाँदनी 
फरोग-ए -माबूद को चार चाँद लगाती है चाँदनी 

क्यूँ न जा मिलूँ उनसे जब वह दिख जाए 
कि बहुत ही कम नज़र आती हैं चाँदनी  

Penned B D Narayankar

Nashe mein choor behki behki si huyi jaati hain raat
isharon mein na jaane kis ko bulaati hain chandni 

samundar ke lapto pe aks dikhati hai chandni
farog-e-mabood ko chaar chand lagati hain chandni


kyu na jaa  milu unse jab woh dikh jaaye

aaj kal bahut kam nazar aati hain chandni

Aab-e-rava mein ghul kanare aati hain chandni
bechain kar dil ko khub lubhati hain chandni


Monday, 9 November 2015

Panchatantra Krist Ki: गुंचा -The Bud



शायर: बी डी नारायंकर 

समां रंगीन छा गया होगा 
कहीं खिला कोई गुंचा होगा 

सीने से अपने लगाया होगा 
जब आँसुओं में गिरा गुंचा होगा 

आब-ए-हयात से सींचा होगा 
जब मुरझा गिरा गुंचा होगा  

राधे राधे पुकार जगाया होगा 
जब झूले में सोया गुंचा होगा 


Penned By B D Narayankar

Samaa rangin cha gaya hoga
Kahin khila koyi guncha hoga

Seene se apne lagaya hoga
jab aasuon mein gira guncha hoga

Aab-e-hayaat se seencha hoga
jab murjha ke gira guncha hoga

Radhe Radhe pukar jagaya hoga
jab jhule mein soya guncha hoga

Tuesday, 3 November 2015

बे-इख़्तियार दिल - Uncontrollable Love


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf ... Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चंद्र रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर 

उन्हें खुद मेरी मोहब्बत पे ऐतेबार नहीं 
ये दिल उनका मगर गीला-गुजार नहीं 

जानते हम हैं न हो सकेंगे वो मेरे 
लाख मनाया दिल पे मगर इख़्तियार नहीं 

बेशुमार उभर रहे दर्द के छींटे कहीं  
गम बेहद है कोई गम-गुसार नहीं

गुनेहगार तेरे जो हैं प्यार कर बैठे 
सजा क्या मौत मुझे, नागवार नहीं 

भिड़ जाऊं तेरे लिए सारे ज़माने से मै 
मौत क्या मुझे हश्र का इंतिज़ार नहीं



Friday, 30 October 2015

प्यार की प्यास - The Fallen Thirst


शायर: बी डी नारायंकर 

जब भी उतरेगी तुम्हारी नज़र लहराते ज़ुल्फो से
नीचे पड़े ज़मीन के कन्ने 
एक गुलाब मेहरूम मिलेगा 
जी करे उठा के रख लेना 
फिसल के गिरा था उनकी चोंटी से!

English Translation

Whenever the eyes slides down from the wavering curls
You will find a flower orphan
On the floor of mother dust
If you feel like, pick it up,
Slithering down, I had fallen from her braid!



Thursday, 29 October 2015

Panchatantra Krist Ki - My Bundle Of Joy



Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

A lap-less bud 
roams the stem
straying from flower to flower.

He carries a smile in a box,
a twitch of hope salty,
and some vacant gaze -
all with a vain hope of a destination.

If only
I had your laps
to nest on, Mamma ...

Reason for this poem

Inspired by whatsapp profile picture ... I count this piece among my best of bests ... I liked it myself ...



Sunday, 25 October 2015

मुस्कुराती बुत - The Smiling Idol



humbly request Grammy winner Ricky Kej to compose music on:

शायर: बी डी नारायंकर 

वो जब बुत  मुस्कुराती हैं 
उमंगें बेशुमार  गाती  हैं 

वो जब सामने आती हैं 
धड़कने रुक जाती हैं 

वो जब बेपर्दा होती हैं 
नींदे उड़ जाती हैं 

कहते हैं प्यार इसी को 
जो मिट न पाती हैं 


Penned By B D Narayankar

Woh jab buth muskurati hain
umange beshumar gati hain

Woh jab saamne aati hain
dil ki nabz ruk jati hain

Woh jab beparda hoti hain
neend meri udd jaati hain

Kehte hain pyaar isi ko 
jo mit nahin pati hain

Tuesday, 20 October 2015

अमर नाम कर देंगे - The Eternal Name



I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारयण-चंद्र रऊफ  - उर्फ़ - बी डी नारायंकर  

इश्क़ में अमर नाम कर देंगे
ये जान तुम्हारे नाम कर देंगे

बुरी नज़र से देखे तुम्हे कोई
किस्सा  उसका तमाम कर देंगे

नज़दीकियाँ  सताती  हैं गर तुम्हे
दूर ही से सलाम कर देंगे

मत छेड़ो शोख निगाहो से मुझे
छेड़ा तो नींदे हराम कर देंगे

मौत गर आये ज़िन्दगी छीनने तेरी 
ज़िन्दगी हम तेरे नाम कर देंगे 

थकन गर बदन शल  कर गयी हो तो बोलो 
सफर में आराम का इंतेज़ाम कर देंगे 

दो चार आँसू बहाओ तो पाप मेरे धुल जाये 
सो हुआ तुम्हे खुदा-ए-एहतिराम कर देंगे 


Penned By B D Narayankar


Ishq mein amar naam kar denge
yeh jaan tumhare naam kar denge

buri nazaron se dekhe tumhe koyi
kissa uska tamam kar denge

mat chedo shokh nigahon se mujhe
cheda to ninde haram kar denge

nazdeekiya sataati hain gar tumhe
door hi se bus salam kar denge

Do chaar aasoo tapkao paap dhul jaye mere
dil mein basa tumhe khuda-e-masham kar denge

thakan gar badan shal kar gayi ho to batao
safar mein qayaam ka intezam kar denge

maut chinane jab aaye zindagi teri

zindagi hum tere naam kar denge

Friday, 16 October 2015

सवेरा - The Morning



I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for :


Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चंद्र रऊफ - उर्फ़ बी डी नारायंकर 

हर एक सवेरे का अँधेरा है, हर एक अँधेरे का सवेरा है 
इस बात को समझो तो लगे, हर पल सवेरा ही सवेरा है 

मुस्कुराओ गमों के दायीरे में तुम हर सू

 इन्ही मुस्कुराहटों में ही मेरा बसेरा हैं

आगे आगे चलो तुम मशाल वालों

रास्ता टेढा बादल घनेरा हैं

लगी हैं हर कुछ पाने की होड़ यहाँ

यहाँ ना कुछ मेरा है ना तेरा है 

लौट आते हैं दुनिया में हम सभी

राख राख खाक खाक यही बसेरा हैं

Reason for the song

Saw her on the television ... company results it was ... mike in her hand ... that glamour ... naa that smile was missing from her famous cheeks ... wanted to know the reason ... though my first hunch was ... you guessed right if one is wise 

Pause

Texted her an enquiry message, knowing well she would not make me sad by opening up her incendiary emotions billowing through her heart heavy ...  A ditto like me ... I want to see everyone around happy ...

Heard from some quarters, but I believe words coming from the horse's mouth ... 

Oblivious still I am ... the loss of the smile, if I happen to see ... I get lost ...

Ruminating over the smile-lessness, I penned thus




Penned By B D Narayankar

Har ek savere ka andhera hain
har ek andhere ka savera hain
is baat ko samjho toh lage
har pal savera hi savera hain

Muskuraao gamo ke dayire mein tum har su
inn muskurahaton mein hi mera basera hain

aage aage chalo tum mashal walon
rasta teda baadal ghanera hain

lagi hain har kuch pane ki hod yahan
yahan na kuch mera hain na tera hain

lautne hi duniya mein aate hain sabhi
rakh rakh khak khak yehi basera hain


Sunday, 11 October 2015

खूबसूरत हक़ीकत - Beautiful Fact

 Parineeti Chopra
I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

शायर: बी डी नारायंकर 

कितनी खूबसूरत हक़ीकत हैं कि तू मेरी ज़रूरत हैं
मानो या न मानो ये नाचीज़ भी आपकी ज़रुरत हैं

उसके गम ओ ख़ुशी के आशियाँ में होके  देखो
ज़िन्दगी कितनी आला कितनी ख़ूबसूरत हैं

निचोड़ना चाहा आँखों से दरिया कई दफे हमने 
न कर सके जब लगा वे  मेरी अमानत हैं 

Penned By B D Narayankar

Kitni khubsoorat hakikat hain ki tu meri zaroorat hain
mano ya na mano ki ye na-cheez bhi aapki zaroorat hain

Uske gam o khusi ke aashiyaan mein hoke dekhe
zindagi kitni tazaa-tareen khubsoorat hain

Nichodna chaha aankhon se dariya kayi defe maine
na kar saka laga jab woh meri amanat hain

Tuesday, 6 October 2015

निगाहे मेहेरबान - Those Loving Eyes

Parineeti Chopra-Ishaqzaade-4
I humbly ask Grammy winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf

शायर: नारायण-चंद्र  रऊफ  

ना दरख़्त ना कोई साएबान चाहते हैं
बस वो इक निगाहे मेहेरबान चाहते हैं

नयी उमँगो के परिंदे है कितने मतवाले
की पर आने से पहले उड़ान चाहते हैं

अब के नग़मों का मिज़ाज़ यूँ कम-तरीन हैं
हर्फ़-ए-दिल भी तो यहाँ उठान चाहते हैं

बस इक धुंद और नहीं कुछ है बाकि
खुला समां खुला आसमान चाहते हैं

Penned By B D Narayankar

Na darakht na koyi sayeban chahte hain
bus woh ek nigahe meherbaan chahte hain

nayi umango ke parinde hai kitne matwale
ki par aane se pehle udaan chahte hain

ab ke naghmo ka mizaaz yun kam-tarin hain
harf-e-dil bhi toh yahan uthaan chahte hain

Bus ikk dhund aur kuch nahin baki hain
khula sama ik khula asmaan chahte hain

Friday, 2 October 2015

परछाई मेरी - The Shadow

Parineeti Chopra
I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf

शायर: नारायण-चंद्र  रऊफ 

काली परछाईयों से रिहाई ना हो सकी
इस रात की परदा-कुशाई ना हो सकी

यु तो दिल से उतारा था कई दफे उसको
पराया करना चाहा परायी  ना हो सकी

जो बज़्म से उट्ठे राह मे ज़्यादा गुफ्तुगू ना की
बुराई करनी चाही उनकी बुराई ना हो सकी

शुक्रगुज़ार हूँ इस ना-चीज़ को इस काबिल समझा
मुह-भराई चाही उनकी मूह-भराई ना हो सकी

Reason behind these couplets

It was at Fortis Hospitals event ... I wouldn't say much .... the couplet says it all

जो बज़्म से उट्ठे राह मे ज़्यादा गुफ्तुगू ना की
बुराई करनी चाही उनकी बुराई ना हो सकी

This one was inspired by an incident .... wouldn't throw much light on it ... the couplet gives some glimpse of what happened

शुक्रगुज़ार हूँ इस ना-चीज़ को इस काबिल समझा
मुह-भराई चाही उनकी मूह-भराई ना हो सकी


Penned By B D Narayankar

Kali parchayion se rihayi na ho saki
is raat ki parda-kushayi na ho saki

Yu toh dil se utaara tha kayi dafe usko
paray karna chaha parayi na ho saki

Jo bazm se uthe raah mein zyadguftugu na ki
buraai karni chahi unki buraai na ho saki

Shukraguzar hu is na-cheez ko is kabil samjha
muh-bharayi chahi unki muh-bharai na ho saki

Monday, 28 September 2015

नगमा-ए-दाऊद - The Angel's Poetry

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I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चन्द्र रऊफ - उर्फ़: बी डी नारायंकर

ये जलवे ये नज़ारे मेरे लिए ना-बूद हैं
बस वो हुर-ए-इस्मत मेरी माबूद हैं

क्या शाह-ए-खूबा क्या रूह-ए-बशर
कतरे कतरे में बसा मेरा मस्जूद हैं

दिल ओ दिमाग गुदाज़ कर जाती हैं पारा पारा
ये छन्नकते अल्फ़ाज़ हैं या नगमा-ए-दाऊद हैं

(Incomplete)

Reason for this song

Had left poetry long back ... for some reason ... then .... you came ... everything changed .... U made me feel more than a forlorn traveler .. u made me feel a pilgrim ... a devotee in quest of knowing love .... I am indebted to u ... how should I repay the debt ... tell me, Love  ... Kaho mabood (God) mere ...

How many understand love ... love most of us think is winning ... how innocent are v ... love is not winning but losing ... you lose heart ... you lose everything - house, peace, tranquility... everything, and yet u r a winner by and by ... Love is Losing, My Love, Not Winning ... say it loudly ... proudly ... Isn't this best way to divorce extreme thoughts? ... Extremities kill u, me, and kill dear ones around  ... So, Love is Losing, Not Winning, My Love ...

Pause

Understand this and you become, both Love and the Loved .... Sorry for breathing down an ounce of philosophy ... It is easy to philosophize, but difficult to live a life of a philosopher ... difficult, My Love to be one ...

Penned By B D Narayankar

Yeh jalve yeh nazare mere liye na-bood hain
bus woh khuba-e-ismat ek meri maabood hain

Kya shah-e-khuba kya ruh-e-bashar
katre katre mein basa mera masjood hain

dil o dimag ko gudaaz kar jati hain para para
ye channakte alfaz hain ya nagma-e-mabood hain

Wednesday, 23 September 2015

राज़-ए-माहताब - The Mysterious Moon


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

शायर: बी डी नारायंकर

आज भी जब चस्मे निगाह गिरती हैं शानो पर
चलते चलते रुक जाता हूँ काजल की दुकानो पर

सस्ते दामो खरीद ही लेते मगर जी था भर आया
जो उसका नाम गुँथा था काग़ज़ के गुल-दानो पर

और भी नज़रे झुकने लगती और सीना कसने लगता
जब भी दिल फिसलने लगता इश्क़ के ढलवानो पर

दिल बेचैन सा हो जाता हैं आपकी गैर हाज़री पर
इंतज़ार में गड़ी  रहती फिर निगाह रोशन-दानो पर

उसका अंदाज़ क्या कहू उस के राज़ क्या बताऊँ  
इकरार भी करना चाहे, हाथ भी रखे ज़बानो पर


Reason behind this song

It was Novopay event ... brought us close ... savoring I was the proximity ... whispers and husky voice delighted our ears

Pause

Eyes ... those dove eyes ... divine, inspirational  ... delicate ... rosy ... tender ... silken ... slippery ... and yet indescribable ... Filled life in me whenever those fell on my shoulders, turning back ...

I wouldn't say much - she is a poet's delight ... a poet's imagination ... she is the Mysterious Moon


Penned By B D Narayankar

Aaj bhi jab chasme nigah girti hain shano par
chalte chalte ruk jaata hoon kajal ki dukano par

Saste damo kharid hi lete magar jee tha bhar aayaa
jo uska naam guntha tha kagaz ke gul-dano par

aur bhi nazare jhukne lagti aur seena kasne lagta
jab bhi dil fisalne lagta ishq ke dhalwano par

uss ka andaaz kya bataaon uss ke raaz kya kahoo
ikrar bhi karna chahe haath bhi rakhe, zabano par

Dil bechain sa ho jaata hain aapki gair hazari par
intizaar mein gadi rehti hain nigah roshan-dano par

Sunday, 20 September 2015

Novopay Musings: हुआ चाँद मुखातिब मुझसे ... Thus Spake The Moon ...


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

शायर: बी डी नारायंकर

वो चाँद कल मुझसे मुखातिब था
गालों पे गुरुुर्  अजब ग़ालिब  था

वगर्ना जो हुया ऊस से शिकायत क्या
इश्क़ की रों से देखे तो मुनासिब था

मीर की गज़ल कहु या झील का कवल उसे
जिस से भरी महफ़िल में कल मुखातिब था

Reason Behind This Song

This song is as open as our relationship ... wouldn't say much ... sing it ... feel it ...

Penned By B D Narayankar

Woh chaand kal mujhse mukhatib tha
gaalon pe mere ajab guruur gaalib tha

Vagarna jo huya oos se shikayat kya
ishq ki roa se dekhe to munasib tha

Mir ki ghazal kahoo ya jheel ka kawal use
jise bhari mehfil mein kal mukhatib tha


Thursday, 17 September 2015

ज़िंदगी बहता पानी हैं - Life Is Fluid - Impermanent - Changing


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf

शायर: नारायण-चन्द्र रऊफ  

ज़िंदगी ठोस नहीं बहता पानी हैं
हुस्न हालात शबाब सभी फानी हैं

मिट जाएँगे दिक्कते सारे के सारे अभी
यह लंबी नहीं पल दो पल की कहानी हैं

चट्टाने खड़ी क्यों न हो ठोस राहो में
नेस्तानाबूद करता उनको गीला पानी हैं

(Incomplete)

Reason behind this song

Came to know of the "tightrope-difficulty" of handling family and office of someone special ... Difficulties are opportunities ... life is transient ... so are difficulties ... they die and appear again ... it's a cyclic process ... goes on and on and on ... never stops ... what is constant is the change ... life is not solid ... its liquid ... it changes ... so do difficulties and everything else ... difficulties are fountains of inspiration ... taste it ... embrace it ... work on it ... even if your efforts do not change things ... it is bound to change on its own ... that's the nature of Nature ... change is constant ... but can permanency be constant? ... yes, Paramatma - the Supreme Lord - Lord Krishna for some ... is constant ... yogis and seers realise that ....

Pause

Know this - you are happy

I dedicate this song to her - she is as gorgeous as the Moon


Penned By B D Narayankar


Zindagi thos nahin behta paani hain
shabab husn haalaat sab faani hain

Dikkate sare mitt jayenge aapke saare sabhi 
yeh lambi nahin pal do pal ki kahani hain

kitni bhi thos chattane khadi ho raaho mein magar
nestanaabood karta unko geela paani hain

Saturday, 12 September 2015

Edelweiss Musings - निगाह-ए-बादा - Eyes Intoxicant


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for -

शायर: बी डी नारायंकर

सुना नहीं इज़हार-ए-मोहब्बत, होंटों का कूसूुर था
ज़िक्र हमारा तुम्हारा मगर दूर दूर था

देखते ही तुम्हे जुड़ गए साज़-ए -आरज़ू सारे
वरना यह दिल कई दिनों से चूर चूर था

उस नशीली निगाह-ए-बादा से कोई बच न सका
सबके पैर डगमगाए ऐसा उनका सुरूर था


REASON BEHIND THIS SONG

It is difficult Love ... many eyes hover around fousing on us ... difficult it is, Love ... I do not want your Lotus-like image dirtied by 'mucky' eyes around ... feel happy to be far ...

Pause

Aye, silence speaks the loudest ... your tender silent eyes convey much ... you wouldn't know ... ask me how they speak ...

As these thoughts flowed, I penned down this:
सुना नहीं इज़हार-ए-मोहब्बत, होंटों का कूसूुर था
ज़िक्र हमारा तुम्हारा मगर दूर दूर था


Penned By B D Narayankar


Suna nahin izhar-e-mohabbat, hoton ka kusur tha
zikr mera tumhara magar door door tha

Dekhte hi tumhe jud gaye saaj-e-aarzoo sare
varna yeh dil kayi dino se chakanachur tha

Uss nasheeli nigah-e-baada se koyi bach na saka
sabke pair yun dagmagaye aisa unka surur tha

Tuesday, 8 September 2015

Panchatantra Krist Ki 3 - रात की गोद में सवेरा


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf

शायर: नारायण-चन्द्र रऊफ 

वो जो चाँद को गोद में घेरा हैं
आख़िर रात की गोद में सवेरा हैं

अब तो रोशनी ही रोशनी का बसेरा हैं
मिटा जो कुछ बचा अब अंधेरा हैं

हर एक साँस में पहरा हैं खुश-यकीनी का
वो गम का नहीं खुशियों का डेरा हैं

आँखों का वो तारा हैं सुने से रास्ते का
दूर हो चला छाया जो अंधेरा हैं

उसी से खिलता हैं बाग-ए-आरज़ू में गुलाब
ये चेहरा तो मुझे ज़िंदगी से प्यारा हैं

Reason behind this song

Saw the most graceful of women I ever came across  ... a woman who can woo a man with her dignified and simple charms ... saw her carrying her child ... giving a smile to the child and the bud giving it back to the camera ... wonderful, gracious .. divine they looked in the whatsapp profile pic ... this was enough for my fingers to run on the smartphone  to weave a song ...

 Woh - She
Chaand - The Child


Pend By B D Narayankar

Woh jo chaand ko god mein ghera hain
aakhir raat ki god mein savera hain

ab toh roshni hi roshni ka basera hain
mita jo kuch bacha ab andhera hain

har ek saans mein pehra hain khush-yakini ka
wo gam ka nahin khushiyon ka savera hain

ankhon ka wo taara hain sune se raaste ka
door ho chala hain chaya jo andhera hain

usi se khilta hain baag-e-aarzoo mein gulab
ye chehra toh mujhe zindagi se pyara hain

Thursday, 3 September 2015

InnoFest Musings - तू कीमती पत्थर, सारे बस पत्थर - The Invaluable Moon


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

शायर: बी डी नारायंकर

कैसे कैसे ढूँढे हम ने कीमती पत्थर हैं
आगे तेरे मगर ये साधे  पत्थर हैं

मुख्तसर ही सही प्यार तेरा काफ़ी हैं
जो कुछ भी हैं, नही से बेहतर हैं

सब को दीवाना कर गयी हैं उसकी बातें
कितनी कटीली देखो मेरी रह-गुजर हैं

फ़्सल मोह्हबत का बोया मैंने, काटा भी
कहना अब ना यारों दिल मेरा बंजर हैं

Penned By B D Narayankar


Kaise kaise dhundhe hum ne kimti patthar hain
Aage tere magar ye saadhe patthar hain

Sab ko deewana kar rahi hain uski baatein
dekho kitni kateeli meri reh-guzar hain

Mukhtassar hi sahi pyaar tera kaafi hain
jo kuch bhi hain, nahi se behtar hain

Fassla muhobbat ka boya maine, kaataa bhi
kehna ab na yaaron dil mera banjar hain


Coming Up Next: Panchatantra Krist Ki 3 - Raat Ki God Mein Savera

Sunday, 30 August 2015

मैं सफ़र हूँ, हमसफ़र भी हूँ - I Am All In All


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf Alias B D Narayankar

शायर: नारायण-चंद्र  रऊफ  उर्फ़ बी डी नारायंकर

हूँ काजल मैं उसका नज़र भी हूँ
मैं ही शब, मैं सहर भी हूँ

छुपाओगे कहाँ जाके अपने को सनम
मैं इधर भी हू और उधर भी हूँ

लहराता शजर हूँ  अपनी मस्ती का
मैं गुल भी हूँ, भवर भी हूँ

मुसाफिर-ए-शोख-ए-मोहबत हूँ
मैं सफ़र हूँ, हमसफ़र भी हूँ

Penned By B D Narayankar

Hu kajal main uska nazar bhi hu
Main hi shab, main sahar bhi hu

Chupaaoge kahan apne ko jaake sanam
main idhar bhi hu aur udhar bhi hu

Lehrata shajar hu apni masti ka
main gul bhi hu, bhavar bhi hu

Musafir-e-shokh-e-mohabat hu
main safar hu, humsafar bhi hu

Thursday, 27 August 2015

तेरे ना में भी हैं ख़ुशी - Being Happy In Loneliness


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to compose music for:

शायर: बी डी नारायंकर

वैसे तेरे ना में भी मैने पाई अपनी खुशी
अगर तू हा कहें तो सवर जाए ज़िंदगी

शिकवा नहीं अब कोई तुम हो न हो मेरी
कि रोशनी की हैं जहाँ वहाँ मिली तिरगी

भुला देता हूँ ज़ुल्म-ओ-सितम हर महफ़िल में
वो जो नज़र आये आलम-ए-हुस्न-ए-सादगी

राह कौन सा इख़्तियार करे बताओ तो ज़रा
हर गाह, हर राह लगती बिन तेरे अजनबी


Penned By B D Narayankar


Waise tere naa mein bhi maine paayi apni khushi
Agar tu haa kahen toh savar jaaye zindagi

Shikwa ab nahin koyi tum ho ya na ho meri
ki roshni kee hain wahan jahan mili tirgi

Bhula deta hun zulm-o-sitam har ek mehfil mein
woh jo nazar aati hain aalam-e-husn-e-sadgi

Kaun si raah ikhtiyar kare zara yeh toh bata
har raah har gaah lagti bin tere ajnabi

Sunday, 23 August 2015

InnoFest Musings: गुलाबी चेहरा - Rosy Cheeks


I humbly request Grammy Winner Ricky Kej to score music for:


Penned B Narayan-Chandra Rauf

शायर: नारायण-चन्द्र रऊफ  

तेरा मिलना मीठे ख्वाब जैसा हैं
तेरा बिछड़ना आफताब जैसा हैं

खुशी मिलती हैं तुझे मिल के मगर
ख़ुशी भी मौज-ए-इज़तिराब जैसा हैं

तडपा के तेरा बज़्म से यूँ चले जाना 
यह गुनाह तेरा सवाब जैसा हैं

तुझे सुंगता मैं मैं हूँ बड़ी चाव से
तेरा चेहरा गुलाब जैसा हैं

पढ़ लेता हूँ आख़िर दिल की बात
तेरी नज़र दिल-ओ-किताब जैसा हैं

रोशन कर जाती हैं अंधियारी रातें
वो दिलबर मेरा, माहताब जैसा हैं



Inspiration Behind This

She wished me ... my heart stopped beating for a while ... felt conquered ...



A minute later felt defeated ... duty you know ... kills the opportunity to spend time with each other .. wish we worked for a magazine ...

Pause

How I wish ... we threesome (you guessed right) ... go to a far-off place where we are greeted with the mountains clad in a white veil (snow) ... and the heat of our presence melts the veil and the  milk (water) trickles down from the breasts of the blushing mountain just as her thin silken braid gushed down along the web of the dark clouds (hair) ... which I saw yesterday at the Innofest ...

I live for fulfilling this wish ... but when ... God knows ... Krishna knows ... I wouldn't mind the next birth ... as always an optimist I am ...


Pause 

As always happens ... we depart ... loaded with tension of meeting the ever-occuring deadlines ... departing is painful and I come back and words ooze out ... sometimes it goes on till 3 am ... yesterday though these flowed in a jiffy ...

तेरा मिलना मीठे ख्वाब जैसा हैं
तेरा बिछड़ना आफताब जैसा हैं

खुशी मिलती हैं तुझे मिल के मगर
कुशी भी मौज-ए-इज़तिराब जैसा हैं

तडपा के तेरा बज़्म से यूँ चले जाना 
यह गुनाह तेरा सवाब जैसा हैं


Penned By B D Narayankar

Tera milna mithe khwaab jaisa hain
Tera bichadna aaftaab jaisa hain

Khushi milti hain tujhe mil ke magar
kushi bhi mauj-e-iztiraab jaisa hain

Tadpaa ke tera bazm se yun chale jaana 
yeh gunaah tera savaab jaisa hain

Main tujhe sungtaa hun badi chaav se
tera chehra gulaab jaisa hain


Padh leta hun aakhir dil ki baat
teri nazar dil-o-kitaab jaisa hain

Roshan kar jaati hain andhiyari raaten
woh dilbar mera, maahtaab jaisa hain



Thursday, 20 August 2015

दूसरा जन्म - The Rebirth


I humbly request Grammy Award Winner Ricky Kej to score music for:

Penned By Narayan-Chandra Rauf - Alias B D Narayankar

शायर: नारायण -चंद्र रऊफ  - उर्फ़ बी डी नारायंकर 


थोड़ी देर और ठहर दिन ढलने वाला हैं
रात ज़हर बन अब बस डसने वाला हैं

लोग केह  केह  लगाएँगे मेरी नाकामी पर
वो तो खुश होंगे, जो उनका बोल बाला हैं

तुम्हे पाने की खुशबू क़ैद हो नहीं सकती
यू तो तेरे बे-आबरू होने का डर गाढ़ा हैं

थोड़ी देर हमनशीन चंन्द साँसे बाकी हैं
गम ना कर दूसरा जन्म होने वाला हैं


Penned By B D Narayankar

Thodi der aur teher din dhalne wala hain
raat zehar bann ab bus dasne wala hain

Log keh kehe lagayenge meri naakaami par
Woh toh kush honge jo unka bol bala hain

Tumhe paane ki khusboo qaid ho nahin sakti
yu toh tere be-abroo hone ka dar gaadaa hain

Thodi der ham nasheen channd bachi hain
gam na kar doosra janm hone wala hain